Kalyug Briefs

Reviewing Film : Pink, No means no!

Reviewing Film : Pink, No means no!

In the film it was mentioned that a manual be made for the girls…so I thought I should make a manual for poor boys! Why should they be neglected huh!? After watching the video, see the Blue Manual for men.

Film Pink: only when SHE says YES, you can ‘do the needful’ with her.

As a consenting adult, a female can say ‘YES’ to anyone she likes – he can be any of the following:

She has the right to say ‘NO’ to a rapist…but then he seldom listens! What a difficult life women lead……

पिंक – जो फिल्म दो साल पहले रिलीज़ हुई थी – उसमे सिनेमा वाले क्या बताना चाहते है – यही सबसे बड़ा प्रश्न बन कर रह गया ! इसमें दिखाया गया था की लड़कियां देर रात तक बहार रहेंगी , अंजान मर्दों के साथ खोली में म घुस कर शराब पियेंगी और उनके साथ चिपक कर सेल्फी भी लेंगी और फिर उनसे ये एक्सपेक्ट करेंगी की वो लोग ऋषि विश्वामित्र के समान ध्यान मग्न हो जायेंगे और बाद में उन लड़कियों की आरती करेंगे फिर भजन भी गायेंगे !

वाह क्या बात क्या बात ! मतलब लगता है पूरी कायनाथ बेशरम , बेहया और बत्तमीज़ औरतों को प्रमोट करने में लगा हुआ है ! क्यूकि जितनी नीच होगी औरत , उतनी ही नीच हो जाएगी सोसाइटी और उतना ही आसान हो जायेगा राक्षसों का राज करना !

BLUE Manual for boys and men:

Exit mobile version