Kalyug Briefs

Decadence in Indie Cinema – Infographic by Kalyug Briefs

Decadence in Indie Cinema – Infographic by Kalyug Briefs

From Hum Dil De Chuke Sanam To Manmarziya Via Sudh Desi Romance – what is it that our movies are showing us….how we are heading headlong towards hell!?

 

अधोगति को प्राप्त होती हुई हमारी युवा पीढ़ी 

कुछ फिल्मो के माध्यम से पता लग जाता है की हमारी युवा पीढ़ी
किस दिशा की ओर प्रस्थान कर रही है –

हम दिल दे चुके सनम – १९९९ की फिल्म :

लड़की को लड़के से प्यार हो जाता है – लेकिन वो किसी भी मर्यादा का उलंघन नहीं करती –
लड़की का विवाह किसी और से हो जाता है – फिर काफी जूझने के बाद (मानसिक )
लड़की अपने पति के पास ही चली जाती है ।

विवाह के पाक बंधन को बढ़ावा दिया गया इस फिल्म में ।

शुद्ध देसी रोमांस – २०१३ की फिल्म :

लड़की अपने छोटे शहर से दूर एक खोली में रहती है और live-in करती है।
जब वो प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसका बॉयफ्रेंड उसे छोड़ कर चला जाता है
और वो सुसाइड करके के सोचती है – किसी तरह बच जाती है और फिर से live-in करना चालू !
मतलब की अकल ही नहीं आइ उसे एक बार लात खाकर !
फिर से लड़का पटाती है और बेशर्मो की तरह जीना पसंद करती है
– यहाँ विवाह को नाकारा गया है !

यानि नाली के कीड़े के सामान जीने को प्रोत्साहित किया गया है !

मनमर्ज़िया – २०१८ की फिल्म :

लड़का छत टपकाता हुआ लड़की के घर रोज़ पहुंच जाता है सेक्स करने के लिए !
घर वाले परेशां होक लड़की की शादी कर देते है किसी और के साथ
– क्युकी उसका आशिक निहायती बेकार और फट्टू किस्म का गधा था ।
फिर भी लड़की अपने पहले आशिक को नहीं छोड़ती और
शादी के बाद भी उसके साथ सेक्स करती है –
ये जान ने के बावजूद उसका पति उसे अपना लेता है .

यहाँ नाली के कीटाणु जो महामारी फैलते है – वैसे जीने को प्रोत्साहित किया है !

अब बात ये सोचनी है की युवा पीढ़ी है कौन ?
हमारे बेटे और बेटियां – सावधान इंडिया !

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