अब वो तो किसी और की हो चुकी होगी – एक लघु कथा
वह पीढ़ी जिस पर रोबोटों का शासन होगा –
मृत्यु के बाद, एक वृद्ध व्यक्ति अंतरिम क्षेत्र में पहुँच जाता है जहाँ मानव आत्माएँ अपने कर्मों के अनुसार दूसरा जन्म लेने की प्रतीक्षा करती हैं।
उपदेशक – का हुआ बबुआ…मारि गये? (नए आने वाले-आश्चर्यचकित-आत्माओं को सहज बनाने के लिए, उपदेशक कोई भी भाषा बोल सकते थे)
बबुआ– जी..हां…मर ही गया लगता है!
उपदेशक– पृथ्वी लोक में का किये रहे?
बबुआ – बहुत मौज और मस्ती किये रह रहे भाई – मजा आ गया!
उपदेशक– अच्छा – कौनो काम धंधा नहीं था? मौज मस्ती के लिए तो पसीना बहाना पड़ता है !
बबुआ – नहीं – हमरे पिता जी बहुत मेहनत किये रहे – वो बहुत पैसा छोड़ कर गये रहे!
उपदेशक– तो का किया पृथ्वी लोक मा?
बबुआ– वही जो करने गए थे…
उपदेशक– का करने गए थे भाई…?
बबुआ – सेक्स करने गए थे – और क्या!?
उपदेशक– केवल सेक्स ही करने गए थे?…अच्छा तो कितनो के साथ यौन संबंध बनाए रहे?
बबुआ – केवल एक ही के साथ – हमारे सपनों की रानी हमें मिल गयी….और उसके साथ सारी जिंदगी गुजार ली!
उपदेशक– अरे वाह! तुम तो बहुत बढ़िया आदमी निकले! तुम्हारी बीवी तो बहुत मिस करती होगी तुम्हें…
बबुआ– अरे नहीं, अब वो तो किसी और की हो चुकी होगी…।
उपदेशक– क्या मतलब है आपका- आप 89 के हैं…आपकी बीवी भी तक़रीबन 80 की तो होगी ही…
बबुआ – दुर ….हम रोबोट के संग रहे थे – बहुत मजे में! पहली बार उसे हम एकठो ब्लू-फिल्म में देखे थे – बस वही आर्डर कर दिए रोबोट बनाने वालों को – बहुत पैसा लग गया…पर ज़िन्दगी सवर गई। ..
उपदेशक-ओह! बच्चा वच्चा नहीं हुआ इसका मतलब?
बबुआ– अरे नहीं-उस झमेले में कौन जाता है!
उपदेशक– बहुत बढ़िया – आप आगे बढ़िए..जहन्नुम में आप बहुत खुश रहेंगे!
उपदेशक (अपने दोस्त को) – चलो अच्छा हुआ – इस कामुक कमीने ने शादी नहीं की और ना ही कोई अपने जैसा घटिया कीटाणु पृथ्वी माँ पर बोझ रख छोड़ा ! ऐसे ही इन नीच लीचों का समापन होगा! जय हो – प्रभु की लीला अपरम्पार !
अपर्णा गांगुली – लेखिका@कलयुग ब्रीफ्स
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